श्री मदभगवत गीता वाक्य
उच्चारण: [ sheri medbhegavet gaitaa ]
उदाहरण वाक्य
- हमें श्री मदभगवत गीता के सोलहवें अध्याय के अनुरूप सात्विक प्रवृत्तियों और गुणों की अभिवृद्धि के लिए निष्ठा और दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत पड़ती है।
- ==चार वर्ण == वास्तव में चार वर्ण मनुष्य जाति का मूलभूत स्वभाव है, ज्योतिष में भी इसके लक्षण मिलते हैं और श्री मदभगवत गीता में भी।
- चार वर्ण-वास्तव में चार वर्ण मनुष्य जाति का मूलभूत स्वभाव है, ज्योतिष में भी इसके लक्षण मिलते हैं और श्री मदभगवत गीता में भी।
- इसी श्रृंखला में एक ओर नाम रूस के तोम्स्क नामक नगर की अदालत से हिंदुयों के महान ग्रन्थ श्री मदभगवत गीता को उग्रवाद को बढावा देने वाला और कट्टरपंथी होने का फरमान हैं.
- इसी श्रृंखला में एक ओर नाम रूस के तोम्स्क नामक नगर की अदालत से हिंदुयों के महान ग्रन्थ श्री मदभगवत गीता को उग्रवाद को बढावा देने वाला और कट्टरपंथी होने का फरमान हैं.
- “ श्री मदभगवत गीता मे श्री कृष्ण ने कहा है कि-हे! अर्जुन जब जब धर्म की हानि होगी या अधर्म का बोलबाला होगा तब तब धर्म के उत्थान के लिए और सदजनों की रक्षा के लिए मै स्वयम अवतरित होकर धर्म और सज्जनों का उत्थान करूंगा । ”
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